Bharat Ki Rajdhani kya hai

नई दिल्ली भारत का प्रशासनिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक केंद्र है। यह 1911 में ब्रिटिश सरकार द्वारा राजधानी घोषित की गई थी और 1931 में आधिकारिक रूप से Bharat ki Bajdhani  बनी। यहाँ राष्ट्रपति भवन, संसद भवन, सुप्रीम कोर्ट और विभिन्न मंत्रालय स्थित हैं।

नई दिल्ली भारत की आधुनिकता और विरासत का अनूठा संगम प्रस्तुत करती है। यहाँ इंडिया गेट, कुतुब मीनार, लाल किला, हुमायूँ का मकबरा जैसे ऐतिहासिक स्थल हैं। यह शिक्षा, व्यापार, संस्कृति और पर्यटन का भी प्रमुख केंद्र है।

भारत की राजधानी होने के नाते, नई दिल्ली देश की नीतियों और प्रशासन का मुख्य केंद्र है, जहाँ से पूरे राष्ट्र का संचालन किया जाता है।

Bharat ki Rajdhani Delhi kab bani

Bharat ki Rajdhani दिल्ली 1911 में बनी, जब ब्रिटिश सरकार ने कोलकाता की जगह दिल्ली को राजधानी बनाने की घोषणा की। ब्रिटिश सम्राट जॉर्ज पंचम ने 12 दिसंबर 1911 को दिल्ली दरबार में इस फैसले की घोषणा की। इसके बाद, प्रसिद्ध ब्रिटिश वास्तुकार एडविन लुटियंस और हर्बर्ट बेकर ने नई दिल्ली को डिजाइन किया।

निर्माण कार्य पूरा होने के बाद, 13 फरवरी 1931 को तत्कालीन वायसराय लॉर्ड इरविन ने नई दिल्ली को आधिकारिक रूप से Bharat की राजधानी घोषित किया। तभी से नई दिल्ली Bharat के प्रशासनिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक गतिविधियों का केंद्र बनी हुई है।

bharat ki rajdhani delhi kab bani

Delhi se pahle Bharat ki Rajdhani कौन सी थी?

दिल्ली से पहले कोलकाता (कलकत्ता) भारत की राजधानी थी। ब्रिटिश शासन के दौरान, 1772 में वॉरेन हेस्टिंग्स ने कोलकाता को Bharat की राजधानी बनाया था। कोलकाता को राजधानी इसलिए बनाया गया क्योंकि यह ब्रिटिश व्यापार और प्रशासन का एक महत्वपूर्ण केंद्र था।

हालांकि, 1911 में ब्रिटिश सम्राट जॉर्ज पंचम ने दिल्ली दरबार में घोषणा की कि भारत की राजधानी कोलकाता से दिल्ली स्थानांतरित किया जाएगा। इसके पीछे कई कारण थे, जैसे कि दिल्ली का भौगोलिक रूप से केंद्र में होना और ऐतिहासिक रूप से भारत के कई शासकों की राजधानी रहना।

1931 में आधिकारिक रूप से दिल्ली भारत की राजधानी बनी और तब से यह भारत का प्रशासनिक और राजनीतिक केंद्र है।

वह कौन सा शहर है जो एक दिन के लिए भारत की राजधानी बना।

भारत में “इलाहाबाद” (अब प्रयागराज) वह शहर है, जिसे एक दिन के लिए देश की राजधानी बनाया गया था। 18 नवंबर 1858 को, जब ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी से शासन लेकर ब्रिटिश क्राउन ने भारत पर प्रत्यक्ष शासन स्थापित किया, तब प्रथम वायसराय लॉर्ड कैनिंग ने इलाहाबाद में एक विशेष दरबार आयोजित किया। इसी दिन इलाहाबाद को एक दिन के लिए भारत की राजधानी घोषित किया गया था। हालांकि, इसके बाद अंग्रेजों ने पहले कोलकाता और फिर 1911 में दिल्ली को भारत की स्थायी राजधानी बना दिया। इलाहाबाद का ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक महत्व आज भी बना हुआ है।

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